24 August, 2020

Success Story (Paytm) Vijay Shekhar Sharma - विजय शेखर शर्मा की सफलता की कहानी

विजय शेखर शर्मा (Vijay Shekhar Sharma) आज भारत की जानी-मानी कंपनी पेटीएम (Paytm) के CEO और Founder हैं, आईयेे जानते हैं विजय शेखर शर्मा और इस मोबाइल एप्‍प पेटीएम (Paytm) की सफलता की कहानी (Success Story)-

Success Story (Paytm)  Vijay Shekhar Sharma - विजय शेखर शर्मा की सफलता की कहानी

Vijay Shekhar Sharma Ji की जीवन -विजय शेखर शर्मा की बायोग्राफी हिंदी में

  • विजय शेखर शर्मा (Vijay Shekhar Sharma) का जन्‍म उत्‍तर प्रदेश के अलीगढ जिले के एक छोटे से गॉव विजयगढ़ में 8 जुलाई 1973 को हुआ था,
  • इनकी शुरूआती पढाई एक Hindi Medium School में विजयगढ, अलीगढ़ में ही हुई,
  • उच्‍च शिक्षा के लिये इन्‍हाेेनें दिल्ली कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में एडमिशन लिया, यहॉ उनके आडें आयी अंग्रेजी, चूंकि वह हिंदी मीडियम स्‍कूल से पढें थे, इसलिये अंग्रेेजी न आने की वजह से यहॉ उन्‍हें बहुत परेशानी का सामना करना पडा, लेकिन अंग्रेजी न आने की वजह से उन्‍होनें अपना आत्‍मविश्‍वास कमजोर नहीं होने दिया
  • विजय एक मिडिल क्‍लास परिवार के थे, वह पैसे की अहमियत जानते थे, जब वह पढाई कर रहे थे तभी वो भी पढ़ाई के दौरान ही अपने एक दोस्त के साथ मिलकर बिज़नेस शुरू कर दिया था, फिर बाद में उसे अमेरिकन कंपनी लोटस इंटरवर्क्स को बेच दिया और अपनी ही कंपनी में नौकरी करने लग गये इससे उन्‍हें अच्‍छा खासा मुनाफा हुआ, करीब एक साल बाद कुछ अलग करने के लिये उन्‍होंने इस कंपनी की नौकरी को छोड दिया
  • नौकरी छोडने के बाद उन्‍होनें अपनी एक नई कंपनी शुरू की जिसका नाम था One97, लेकिन यह ठीक से नहीं चल पायी, सालभर में उन्‍हें काफी घाटा झेेलना पडा, हालत इतनी खराब हो गयी कि एक-एक पैसे बचाने के लिए उन्‍हें काफी मेहनत करनी पडती थी. बस का किराया बचाने के लिये वह पैदल चलते थे. कभी-कभी पूरा दिन सिर्फ दो प्याली चाय पर ही गुजर जाता था, यहां तक की उनकी कोई शादी करने को भी तैयार नहीं था, इस बीच वह लोगों के घर जाकर कंप्‍यूटर रिपेयर (Computer Repair) करने का काम करते थे
  • जब बात एक-एक पैसा बचाने की तो विजय की जीवन में छुट्टे पैसे बहुत अहम थे, लेकिन उन्‍होने देखा कि चाहें ऑटो वाला हो, चाहे दुकान वाला या रिक्‍शेे वाला सभी जगह उन्‍हें छुट्टे पैसे के लिये बहुत परेशान होना पडता था और यहीं से उनके दिमाग में आयडिया आया पेटीएम (Paytm) बनाने का। पेटीम की शुरुआत 2010 में हुई
  • विजय की जिंदगी में एक बड़ा बदलाव उस समय आया, पेटीएम ने घरेलू और भारत मे होने वाले अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच (International cricket match) के लिए टाइटल स्पांसर बनने का मौका मिला. आज छुट्टों और छोटे-छोटे लेन-देन की बदौलत कम्पनी का कुल कारोबार 15,000 करोड़ रुपये के करीब पहुंच चुका है और आज ज्‍यादतर लोग छुट्टे के लिये पेेटीएम करते हैं 
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